PCOD और PCOS: 7 आसान Differences जो हर महिला को जानना चाहिए

PCOD और PCOS क्या हैं?
PCOD और PCOS दोनों महिलाओं की hormonal problems हैं, जो उनकी periods, fertility और overall health को प्रभावित करती हैं।
दोनों में समानताएं (Similarities)
इन दोनों conditions में कई symptoms एक जैसे होते हैं — जैसे कि
लेकिन कारण (Reasons) अलग होते हैं
भले ही symptoms मिलते-जुलते हों, लेकिन PCOD और PCOS के causes अलग होते हैं।
- PCOD ज़्यादातर lifestyle और diet से जुड़ा होता है।
- PCOS एक metabolic disorder है जिसमें body के hormones ज़्यादा disturbed हो जाते हैं।
इस Article में क्या सीखेंगे
इस article में हम simple words में समझेंगे —
👉 PCOD vs PCOS में असली difference क्या है,
👉 कौन सी condition ज़्यादा serious है,
👉 और Ayurvedic तरीके से इसे naturally कैसे manage किया जा सकता है।
PCOD क्या है? (What is PCOD?)

PCOD का पूरा नाम
PCOD का मतलब है Polycystic Ovarian Disease।
यह महिलाओं की एक common hormonal condition है जिसमें ovaries में कई छोटे-छोटे cyst (थैली जैसी गांठें) बन जाती हैं।
PCOD में क्या होता है?
जब महिला के hormones असंतुलित हो जाते हैं, तो ovaries ज़्यादा मात्रा में immature eggs बनाने लगती हैं।
ये eggs ovulate नहीं होते और ovaries में cysts के रूप में जमा हो जाते हैं।
PCOD के मुख्य कारण (Main Causes)
- Unhealthy diet और fast food का ज़्यादा सेवन
- Stress और नींद की कमी
- शारीरिक गतिविधि (exercise) की कमी
- Hormonal imbalance
- Genetic (परिवार से जुड़ी) वजहें
PCOD के आम लक्षण (Common Symptoms)
- Irregular periods (मासिक धर्म का अनियमित होना)
- Weight gain
- Acne और oily skin
- Hair fall या बालों का झड़ना
- Face और body पर extra hair growth
PCOD कितना serious है?
PCOD आमतौर पर manageable condition है।
अगर आप healthy lifestyle अपनाते हैं — जैसे सही diet, regular yoga, और stress control — तो PCOD को natural तरीके से control किया जा सकता है।
PCOS क्या होता है? (What is PCOS?)

PCOS का पूरा नाम
PCOS का मतलब है Polycystic Ovary Syndrome।
यह केवल ovaries की समस्या नहीं है, बल्कि एक hormonal और metabolic disorder है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
PCOS में क्या होता है?
PCOS में महिला के शरीर में male hormones (androgens) की मात्रा बढ़ जाती है।
इससे ovulation रुक जाता है या अनियमित हो जाता है।
इसके कारण periods में गड़बड़ी, infertility (गर्भधारण में कठिनाई) और skin व hair से जुड़ी कई समस्याएँ होने लगती हैं।
PCOS के मुख्य कारण (Main Causes)
- Insulin resistance: शरीर में insulin सही से काम नहीं करता
- Hormonal imbalance: Estrogen और testosterone levels में असंतुलन
- Genetic factors: अगर परिवार में किसी को PCOS है, तो संभावना बढ़ जाती है
- Unhealthy lifestyle: Stress, junk food और lack of exercise
PCOS के आम लक्षण (Common Symptoms)
- Periods का लंबे समय तक न आना
- Face और chin पर extra hair growth
- Acne और oily skin
- Weight gain, खासकर पेट के आसपास
- Mood swings और fatigue (थकान)
- Pregnancy में कठिनाई
PCOS क्यों serious है?
PCOS एक chronic (लंबे समय तक चलने वाली) condition है।
अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे
- Diabetes
- Heart problems
- Infertility
जैसी गंभीर health issues हो सकती हैं।
इसलिए इसे पहचानना और manage करना बहुत ज़रूरी है।
PCOD और PCOS Difference Table
विशेषता (Feature) | PCOD (Polycystic Ovarian Disease) | PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) |
---|---|---|
Condition Type | यह एक Disease (बीमारी) है | यह एक Syndrome (लक्षणों का समूह) है |
Severity (गंभीरता) | कम गंभीर, manage हो सकता है | ज़्यादा serious और long-term condition |
Cause (कारण) | Lifestyle और hormonal imbalance | Metabolic disorder और insulin resistance |
Ovulation (अंडोत्सर्जन) | कभी-कभी ovulation होता है | Ovulation बहुत कम या बंद हो जाता है |
Fertility (गर्भधारण की क्षमता) | Conceive करना possible है | Pregnancy में दिक्कत आ सकती है |
Hormonal Imbalance (हार्मोन असंतुलन) | हल्का असंतुलन | ज़्यादा severe असंतुलन |
Insulin Resistance (इंसुलिन रेज़िस्टेंस) | Rarely होता है | Commonly होता है |
Weight Gain (वज़न बढ़ना) | Moderate (मध्यम स्तर पर) | ज़्यादा और तेज़ी से बढ़ता है |
Long-term Effects (दीर्घकालिक असर) | कम | ज़्यादा, जैसे diabetes या infertility |
Treatment (उपचार) | Healthy lifestyle और diet से manage हो सकता है | Medication + lifestyle changes ज़रूरी |
इलाज और प्रबंधन (Treatment and Management)
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)
- PCOD के इलाज में सबसे जरूरी कदम है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।
- नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से वजन कम करके हार्मोन संतुलित होते हैं, जिससे मासिक धर्म नियमित होता है।
- ताजे फल, सब्जियां, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, और हेल्दी फैट्स (जैसे नट्स, बीज, एवोकाडो) शामिल करें।
- प्रसंस्कृत (processed) और शर्करा युक्त भोजन से बचें।
- तनाव प्रबंधन, पर्याप्त नींद और योग/ध्यान से भी लाभ मिलता है।
दवाइयाँ और मेडिकल ट्रीटमेंट (Medications and treatments)
- डॉक्टर के परामर्श से हार्मोनल गोलियां (जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियां) मासिक धर्म नियमित करने में मदद करती हैं।
- मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं इंसुलिन रोधी स्तर को नियंत्रित करती हैं, जिससे वजन और हार्मोन संतुलन बेहतर होता है।
- एंटी-एंड्रोजन दवाएं अनचाहे बाल या मुँहासों को कम करने के लिए दी जाती हैं।
- यदि गर्भधारण में समस्या हो तो ओव्यूलेशन प्रोत्साहक दवाओं या फर्टिलिटी उपचारों का सहारा लिया जा सकता है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें (When to consult a doctor)
- मासिक धर्म में लगातार अनियमितता या अत्यधिक दर्द महसूस हो।
- वजन अचानक बढ़े या नियंत्रित न हो।
- त्वचा पर अधिक मुंहासे, बालों का अत्यधिक विकास या झड़ना हो।
- गर्भधारण में समस्या आ रही हो या बार-बार गर्भपात हो।
- मन में चिंता, डिप्रेशन या तनाव बढ़ रहा हो, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
PCOD और PCOS के बारे में मिथक और तथ्य (Myths and Facts)
मिथक 1: PCOD और PCOS एक ही बीमारी हैं।
तथ्य: PCOD एक डिसऑर्डर है जिसमें अंडाशय में सिस्ट बनते हैं, जबकि PCOS एक सिंड्रोम है जो हार्मोनल असंतुलन और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा होता है। ये दोनों अलग-अलग स्थितियाँ हैं, हालांकि लक्षण मिलते-जुलते हो सकते हैं।
मिथक 2: PCOS और PCOD से पीड़ित महिलाएं कभी गर्भवती नहीं हो सकतीं।
तथ्य: ऐसा जरूरी नहीं है। सही इलाज, जीवनशैली में बदलाव, और डॉक्टर की देखभाल से अधिकांश महिलाएं सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं।
मिथक 3: PCOS और PCOD केवल मोटापे वाली महिलाओं को प्रभावित करते हैं।
तथ्य: ये दोनों स्थिति किसी भी वजन की महिला को हो सकती हैं। दुबली या सामान्य वजन वाली महिलाएं भी इसके प्रभाव में आ सकती हैं।
मिथक 4: PCOS में हर महिला के अंडाशय में सिस्ट होते हैं।
तथ्य: PCOS के नाम में “पॉलीसिस्टिक” शब्द होते हुए भी हर महिला के अंडाशय में सिस्ट जरूरी नहीं होते। निदान हार्मोनल असंतुलन, लक्षणों और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है।
मिथक 5: PCOS और PCOD सिर्फ प्रजनन समस्या हैं।
तथ्य: ये दोनों हार्मोनल समस्याएं शरीर के कई अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे वजन, त्वचा, मानसिक स्वास्थ्य और दिल की सेहत।
मिथक 6: PCOD और PCOS का कोई इलाज नहीं है।
तथ्य: उचित उपचार, दवाइयां, और जीवनशैली में बदलाव से इन्हें मैनेज किया जा सकता है और लक्षणों को कम किया जा सकता है।
मिथक 7: PCOS और PCOD से पीड़ित महिलाएं स्वस्थ जीवनशैली नहीं अपना सकतीं।
तथ्य: बिलकुल कर सकती हैं। सही खान-पान, व्यायाम और तनाव प्रबंधन से स्थिति में सुधार होता है।
PCOD और PCOS (Frequently Asked Question)
PCOD और PCOS में क्या अंतर है?
PCOD में अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बनते हैं और हार्मोन असंतुलन होता है, जबकि PCOS हार्मोनल सिंड्रोम है जिसमें हार्मोन असंतुलन के साथ कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
क्या PCOD या PCOS से गर्भधारण मुश्किल हो जाता है?
सही इलाज और जीवनशैली से ज्यादातर महिलाओं को गर्भधारण में मदद मिलती है, लेकिन कुछ मामलों में प्रजनन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
PCOD और PCOS के लक्षण क्या-क्या होते हैं?
अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ना, चेहरे पर अनचाहा बाल, मुँहासे, और थकान आम लक्षण हैं।
क्या PCOD या PCOS मोटापे से जुड़ी हैं?
ये दोनों किसी भी वजन की महिलाओं में हो सकती हैं, ना कि सिर्फ मोटी महिलाओं में।
PCOD और PCOS का कोई स्थायी इलाज है?
इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं, खान-पान और व्यायाम से नियंत्रण संभव है।
क्या PCOD या PCOS में डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
अगर मासिक धर्म अनियमित हो, वजन तेजी से बढ़े, या गर्भधारण में समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
क्या PCOD और PCOS के कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है?
कुछ महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का रिस्क थोड़ा बढ़ सकता है, इसलिए नियमित डॉक्टर चेकअप जरूरी है।
निष्कर्ष (Conclusion)
PCOD और PCOS दोनों महिलाएं प्रभावित करने वाले हार्मोनल विकार हैं, जिनमें असामान्य मासिक धर्म और हार्मोन असंतुलन प्रमुख लक्षण हैं। PCOD में अंडाशय पर छोटी-छोटी सिस्ट बनती हैं जबकि PCOS हार्मोनल सिंड्रोम है जिसमें अधिक गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं। जीवनशैली में सुधार, सही खान-पान, व्यायाम और चिकित्सा उपचार के जरिए इन दोनों की देखभाल संभव है।
समय रहते पहचान और इलाज की सलाह (Importance of early diagnosis and treatment)
PCOD या PCOS के लक्षण दिखते ही शुरुआती जांच और इलाज जरूरी है। समय पर निदान से गर्भधारण की दिक्कतों को कम किया जा सकता है और अन्य गंभीर बीमारियों जैसे मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग का जोखिम घटाया जा सकता है। इसलिए, महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी सेहत पर ध्यान दें और डॉक्टर से नियमित परामर्श लें।
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